देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शिक्षा मंत्रालय की ओर से कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें कहा गया कि कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के विद्यार्थी को अपने यहां प्रवेश नहीं दे सकेंगा। इसके अलावा कोचिंग के शिक्षकों की योग्यता संबंधी नियम भी सख्त किए गए हैं। मंत्रालय ने नए दिशा निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिए गए हैं। कोचिंग संस्थानों को सरकार के दिशानिर्देशों के जारी होने के बाद तीन माह में पंजीकरण कराना होगा। राज्य सरकार कोचिंग संस्थान की गतिविधियों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होगी।
खास दिशा-निर्देश…
1. कोचिंग संस्थान स्नातक से कम योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त नहीं कर सकता। संस्थान ऐसे किसी भी शिक्षक और अन्य व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकता जो नैतिक कदाचार से जुड़े किसी भी अपराध में दोषी ठहराया गया हो।
2. विद्यार्थियों का कोचिंग संस्थान में नामांकन माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद ही होना चाहिए।
3. कोचिंग संस्थानों की एक वेबसाइट होगी, जिसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्य सामग्री, कोर्स पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं और लिए जाने वाले शुल्क का विवरण होगा।
4. विद्यार्थियों को तनाव से बचाने के लिए कदम उठाने होंगे। उन पर अनावश्यक दबाव डाले बिना कक्षाएं संचालित करनी चाहिए। तनावपूर्ण स्थितियों में विद्यार्थियों को निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप के लिए व्यवस्था करनी होगी।
5. पाठ्यक्रमों का शुल्क पारदर्शी और तार्किक होना चाहिए। शुल्क की रसीद दी जानी चाहिए। अगर छात्र बीच में ही पाठ्यक्रम छोड़ता है तो बची हुई अवधि की फीस लौटानी होगी।6 एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं चलेंगी. सुबह अर्ली मार्निंग और लेट नाइट क्लास नहीं होंगी। छात्रों और शिक्षकों को वीक ऑफ मिलेगा।
आदेश जारी होने के बावजूद भी अब तक नहीं हुई किसी कोचिंग सेंटर पर कार्यवाही….
शिक्षा अधिकारियों की तरफ से अब तक किसी भी कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है न हीं इनकी कोई जांच हुई है। शहर में मौजूद कई कोचिंग सेंटरो द्वारा जारी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है लेकिन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।