यूनानी औषधालय भूमि आवंटन हेतु चिकित्सक ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार।

मांग

देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। जब अपने ही ना सुने तो इंसान को अन्य विकल्पों का सहारा लेने को मजबूर होना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला देवली शहर में देखने को मिल रहा है जहाँ शहर की विवेकानंद कॉलोनी में आयुष विभाग के अंतर्गत आने वाले यूनानी चिकित्सालय व आयुर्वेदिक चिकित्सालय एक ही भवन में संचालित हो रहे हैं।

भवन अपेक्षाकृत छोटा व जर्जर अवस्था मे होने के कारण मरीजो की सुविधा को देखते हुए नाकाफ़ी व असुरक्षित है। यूनानी चिकित्सक डॉक्टर लियाकत अली मंसूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि सन 1963 से टोंक जिले के देवली कस्बे में ये चिकित्सालय निरन्तर अपनी सेवा देता आ रहा है, इसके चलते यहां कार्यरत चिकित्सकों ने अपनी मांग क्षेत्र के पार्षदों, नगर पालिका अध्यक्षों, अधिशाषी अधिकारियों, उपखण्ड अधिकारियों, जिला टोंक कलेक्टरों और क्षेत्रीय देवली उनियारा विधायक महोदय को भी कई बार लिखित में उक्त मांग से अवगत करवा चुके है

मगर आज तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। लाख कोशिशों के बाद हार थक कर में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उम्मीद करते हुए पोर्टल पर अवगत करवाते हुए दरख्वास्त की गई है।गौरतलब है कि वर्तमान में राजकीय यूनानी औषधालय और राजकीय आयुर्वेद औषधालय दोनों देवली में विवेकानन्द कॉलोनी में स्थित खाली पड़ा सिटी डिस्पेंसरी वाली भूमि में चल रहे हैं।

जो कि यह भूमि नगर पालिका के अधीन है जिसकी देखरेख आजतक नहीं की गई है जिससे वर्षा ऋतु में टपकने से दोनों औषधालय अस्तव्यस्त हो जाते हैं। यह 60 70 फीट है जिसे दोनों यूनानी और आयुर्वेद औषधालाओं को आधा आधा कर दिया जाए तो भी यह आधी आधी भूमि दोनों औषधालयों के लिए पर्याप्त है

क्योंकि दोनों औषधालयों में मरीजों की भर्ती प्रक्रिया नहीं होती हैं दोनों में केवल बहिरंग ही चलते हैं। औषधालयों के स्वयं के पट्टे नहीं होने की स्थिति में हमारे विभाग भी इन्हें बजट आवंटित नहीं कर पाते हैं ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री महोदय से राजकीय यूनानी औषधालय को शीघ्रता से भूमि आवंटन कराने की मांग की गई है।

डॉ.लियाकत अली मंसूरी द्वारा पांच सालों से पट्टे के लिए दरदर की ठोकरें खाने के बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखित में पोर्टल,ई-मेल पर एवं लिखित में शिकायत करके भूमिहीन राजकीय यूनानी औषधालय देवली टोंक के लिए पट्टा देने की मांग की हैं।

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