प्रेम को गोपन कर रखे वही गोपी:-स्वामी बसंत महाराज।

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देवली:-(बृजेश भारद्वाज)।शहर के बावड़ी बालाजी मंदिर प्रांगण में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के पंचम दिवस पर स्वामी बसंत महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि गोपी कौन है ? गोपी वह है जिसका खाना-पीना, सोना- उठना-जगना सब कुछ श्री कृष्ण के लिए हो वही गोपी है। प्रेम को गोपन कर रखे वही गोपी है।


उन्होंने कहा कि भक्त तो वह है जो भगवान को अपने नेत्रों के माध्यम से अपने हृदय में समा लेता है। यह भक्त की भगवान से प्रेम करने की पराकाष्ठा है।कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। प्रसंग में बताया गया कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने बृज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने बृज मंडल पर भारी बरसात कराई।

प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। उक्त कथा का आयोजन दुर्घटना में घायल गोवंश की सेवार्थ सहायता राशि एकत्रित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है अतः सभी भक्तगण अधिक से अधिक संख्या में गौ सेवार्थ सहयोग राशि समर्पित करें। इस राशि का उपयोग सांवरिया सेठ गौ चिकित्सालय गणेश रोड स्थित गौशाला में घायल गोवंश के उपचार व गौशाला के विकास कार्यो हेतु किया जायेगा।

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