दूनी का लाल हैदराबाद तक कर रहा कमाल, कथावाचक अनिरुद्ध बिखेर रहे अपना जलवा।

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देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। कहते है पूत के लक्षण तो पालने में ही दिखने लग जाते है। जी हाँ इसी कहावत को चरित्रार्थ किया है दूनी के लाल अनिरुद्ध शर्मा ने। जिनको बचपन से ही संगीत में विशेष रुचि रही।

पूरा परिवार धर्मपरायण होने के कारण बालपन से ही धार्मिक संस्कार मिले। समय के साथ बालक अनिरुद्ध युवा हुए और उनकी प्रतिभा भी निखरती गयी। हालांकि शुरुवाती दौर में अनिरुद्ध दूनी क्षेत्र में ही शौकिया तौर पर भजन गायन किया करते थे। किंतु बाद में वे पहुँचे लक्ष्मी नगरी हैदराबाद जहाँ उन्होंने प्रसिद्ध भजन सम्राट गोपाल जी बजाज से संगीत की शिक्षा प्राप्त की व अपने शालीन स्वभाव व मधुर आवाज से इन्होंने भजन संगीत की दुनिया मे अपनी एक अलग जगह बनानी शुरू कर दी।

इसके अलावा इन्होंने कथावाचन में भी प्रवीणता हासिल की है। इनके श्रीमुख से “नानी बाई को मायरो” की कथा श्रवण करने के लिए भक्तों में विशेष रुचि रहती है। वही ये श्रीमद्भागवत कथा,सत्यनारायण कथा व रामदेव जी महाराज का जुम्मा जागरण व श्याम भजन संध्या कार्यक्रम आयोजन करवाने को लेकर अत्यधिक लोकप्रिय है। आज की तारीख में दूनी के इस लाल का डंका हैदराबाद तक बजता है। ये सभी के लिए गौरव का विषय है।

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