देवली:-(बृजेश भारद्वाज)।बागवानी विभाग के सहायक प्रोफेसर किंकर सिंह विशेषज्ञ की देखरेख में, बीएससी कृषि (ऑनर्स) द्वितीय वर्ष के छात्रों ने संरक्षित खेती पर केंद्रित एक व्यावहारिक सत्र में भाग लिया। छात्रों ने नर्सरी के खेत से नेट हाउस में सफलतापूर्वक पौधे रोपे और उचित पंक्ति-से-पंक्ति और पौधे-से-पौधे की दूरी बनाए रखने जैसी महत्वपूर्ण तकनीकें सीखीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने खीरे के बीज बोने का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया।
जिससे आधुनिक कृषि पद्धतियों के बारे में उनकी समझ और बढ़ गई। यह व्यावहारिक अनुभव छात्रों को बागवानी के क्षेत्र में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संरक्षण कृषि एक ऐसी कृषि प्रणाली है जो कृषि योग्य भूमि के नुकसान को रोक सकती है जबकि क्षरित भूमि को पुनर्जीवित कर सकती है। यह स्थायी मृदा आवरण, न्यूनतम मृदा व्यवधान और पौधों की प्रजातियों के विविधीकरण को बढ़ावा देती है। यह सारी जानकारी छात्रों ने प्राप्त की।