देवली :-(बृजेश भारद्वाज)। महावीर निकेतन धर्मशाला दुनी में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में गजेंद्र मोक्ष की कथा का वर्णन करते हुए आचार्य श्री कैलाश चंद जी तेहरिया ने बताया कि जीव सभी ओर से अपना मन हटाकर भगवान के श्री चरणों में लगा देता है
तब उस जीव पर ईश्वर की कृपा बरसती हैl जैसे कि गजेंद्र पशु योनि में होते हुए भी अपनी समस्त इंद्रियों एवं मन से भगवान को पुकारता है तो भगवान शीघ्र आकर ग्राह के बंधन से गजेंद्र को मुक्त करते हैंl जीव संसार रूपी सरोवर मैं आता है
एवं माया रूपी बंधन में पड़ जाता है तब केवल एक परमात्मा ही है जो जीव की रक्षा करते है lआचार्य श्री ने वामन अवतार की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि यदि किसी से कुछ प्राप्त करना है तो छोटा बनना ही पड़ेगा जैसे कि देवताओं के कार्य सिद्ध करने के लिए स्वयं भगवान विष्णु को वामन अवतार लेकर राजा बलि के यहां जाकर मांगना पड़ा l हम बड़े बनकर किसी से भी कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकतेl
अतः घर परिवार में अपना आचरण ऐसा करें की किसी को भी कोई कष्ट या असुविधा ना हो, यही संत और महापुरुषों के चिन्ह होते हैंl कथा में श्री राम जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्री राम असुरों का विनाश करने के लिए, धर्म की स्थापना करने के लिए, गौ ब्राह्मण संत और देवों की रक्षा करने के लिए अवतरित हुएl भगवान श्रीराम ने मर्यादित जीवन जीने की प्राणी मात्र को प्रेरणा एवं शिक्षा दी इसलिए हमें भगवान की लीलाओं का अनुसरण करते हुए उन्हें अपने जीवन में उतारना चाहिए l
कथा के पश्चात कथा परीक्षित राम राय तिवारी एवं तिवारी परिवार दुनी ने कथा में पधारे हुए सभी श्रद्धालुओं को महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया l कल की कथा में श्री कृष्ण जन्मोत्सव, श्री कृष्ण की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन पूजा व 56 भोग की झांकी के दर्शन कराए जाएंगे।