भव्य कलशयात्रा के साथ ही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा शुरू।

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देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शहर के गौरव पथ स्थित अटल उद्यान के टीन शेड प्लेटफार्म पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन कथावाचक प्रिया किशोरी जी ने कहा कि मनुष्य चिंता करता है, लेकिन चिंतन नहीं करता है।

अगर मनुष्य भगवान का चिंतन करें तो वह कभी दुःखी नहीं होगा। उन्होंने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है।

उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है, यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। अधिक मास में इसके श्रवण का महत्व है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।

इससे पूर्व शहर के बावड़ी बालाजी मंदिर से विशाल कलश यात्रा निकल गई। कलश यात्रा के दौरान रविवार के मुख्य यजमान सीताराम पंचोली ने सपत्निक भागवत पुराण को सिर पर धारण कर साथ चलते रहे। महिलाओं ने भाव विभोर होकर नृत्य किया, वहीं कलश यात्रा का कई स्थानों पर पुष्प वर्षा की गई।

इस मौके कृष्ण गोपाल शर्मा, अशोक दूबे, गोपाल धाकड़, प्रहलाद साहू, नाथुलाल वैष्णव सहित कई भक्त मौजूद रहे।

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