देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शहर के बावड़ी बालाजी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस महाराज श्री स्वामी बसंत महाराज ने धुंधकारी की कथा सुनाई। उन्होंने कथा के दौरान कहा कि धुंधकारी ने अपने जीवन में बहुत पाप किए थे।
अपने कुकर्मों के कारण मृत्यु के बाद वह एक प्रेत बन गया था। धुंधकारी को श्रीमद्भागवत कथा सुनकर मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। उन्होंने कहा कि गोकर्ण आश्चर्य में थे कि श्राद्ध व पिंडदान करने के बाद भी धुंधकारी प्रेत मुक्त कैसे नहीं हुआ। इसके बाद गोकर्ण ने सूर्यदेव की कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने दर्शन दिए। गोकर्ण ने सूर्यदेव से इसका कारण पूछा तब उन्होंने कहा कि धुंधकारी के कुकर्मों की गिनती नहीं की जा सकती। इसलिए हजार श्राद्ध से भी इसको मुक्ति नहीं मिलेगी। धुंधकारी को केवल श्रीमद्भागवत से मुक्ति प्राप्त होगी।
इसके बाद गोकर्ण महाराज जी ने भागवत कथा का आयोजन किया। जिसे सुनकर धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति हुई और प्रेत योनि से मुक्ति मिली। उक्त कथा का आयोजन दुर्घटना में घायल गोवंश की सेवार्थ सहायता राशि एकत्रित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है अतः सभी भक्तगण अधिक से अधिक संख्या में गौ सेवार्थ सहयोग राशि समर्पित करें। इस राशि का उपयोग ग्वाला गौ चिकित्सालय गणेश रोड स्थित गौशाला में घायल गोवंश के उपचार हेतु कार्य में लिया जाएगा। नीचे दिया गया बारकोड महाराज श्री का है जिसको स्कैन करके सहयोग राशि भेंट की जा सकती है।