प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस और पेरेंट्स को हो रही समस्याओं से मिलेगी राहत……

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देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। राजस्थान सरकार शिक्षा विभाग को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इस नियम के तहत अब प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस और पेरेंट्स को हो रही समस्याओं से राहत मिलेगी। इससे पहले भी राजस्थान सरकार ने स्कूल शिक्षकों को मोबाइल फोन न ले जाने का आदेश दिया था। अब शिक्षा विभाग ने 10 सूत्री गाइडलाइन तैयार की है।

साथ ही कहा कि इसका पालन नहीं करने पर निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। राजस्थान सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक्टिव राजस्थान सरकार अब शिक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से एक्टिव है। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान के निदेशक आशीष मोदी के अनुसार प्रदेश में संचालित सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए पूर्व में निर्धारित प्रावधान के तहत नई गाइडलाइन तैयार की गई है, ताकि किसी भी स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को समस्या का सामना न करना पड़े। इस गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करवाना भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी रहेगी।

वहीं अगर कोई स्कूल इस नियम का पालन नहीं करते पाया गया, तो वहां के शिक्षा विभाग का संबंधित अधिकारी और स्कूल इसके लिए जिम्मेदार होगा। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल और अधिकारी दोनों के सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन…..

 

शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए। स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का भी गठन हो, साथ ही कमेटी के सदस्यों का नाम, पता और उनके मोबाइल नंबर पीएसपी पोर्टल पर अपडेट हो। ताकि एक दूसरे से जुड़े रहें।
स्कूल की फीस कमेटी द्वारा तय कर पीएसपी पोर्टल पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य है।
स्कूल की फीस कमेटी द्वारा अनुमोदित फीस के अलावा किसी भी अतिरिक्त शुल्क को वसूलना फीस एक्ट के खिलाफ होगा। स्कूल प्रशासन द्वारा फीस के नाम पर की गई वसूली नहीं की जा सकेगी।
स्कूल स्तरीय फीस कमेटी द्वारा फीस निर्धारित की जाएगी, जो तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए होगी।
सभी प्राइवेट स्कूल जहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई जैसे मान्यता प्राप्त हैं। उनको नियमों और उप नियमों का पालन करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा। साथ ही शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर किताब सहित सभी जानकारी अपलोड करना अनिवार्य होगा, ताकि पेरेंट्स उन्हें किसी भी बाजार से खरीद सके।
स्टूडेंट्स पर किसी भी प्रकार की शिकायतों की त्वरित सुनवाई के साथ ही दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही होगी।
प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करना होगा।
प्राइवेट स्कूलों में दिव्यांग और फीमेल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए नियमों का शत प्रतिशत पालन होना चाहिए।
प्राइवेट स्कूलों में स्टूडेंट से जुड़ी समस्याओं के साथ स्कूल मैनेजमेंट संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा की जाए और इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन को सभी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।

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