कैरियर कांउंसलिंग को लेकर ‘‘अपेक्स विश्वविद्यालय आपके शहर में’’ योजना में स्टूडेन्ट्स का भारी उत्साह।

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देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। ‘‘कैरियर का क्षेत्र चुनने या बदलने में ठीक से अपना बैक ग्राउण्ड, आर्थिक स्थिति और एकेडमिक प्रदर्शन को ध्यान में रखें’’, ‘‘किसी फील्ड में आगे तक जाने के लिए पहले उस फील्ड से संबंधित लोगों से बात करें और जरूरी स्किल्स डवलप करें’’, ‘‘कैरियर के लिए इंट्रेस्ट जरूरी है लेकिन कैरियर सेलेक्ट करते वक्त अपनी हॉबी और वीकनेस को पहचाने’’, कुछ इसी तरह की कैरियर गाइडेंस मिली स्टूडेन्ट्स को।

मौका था अपेक्स विश्वविद्यालय की ओर से सिग्मा ग्लोबल अकैडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 14 जुलाई से आयोजित दो दिवसीय कैरियर काउन्सलिंग का। स्टूडेन्ट्स और पेरेन्ट्स की मदद करने के मकसद से अपेक्स विश्वविद्यालय, जयपुर की ओर से आयोजित ‘‘अपेक्स विश्वविद्यालय आपके शहर में’’ योजना के पहले दिन विश्वविद्यालय के सब्जेक्ट एक्सपटर््स ने स्टूडेन्ट्स को उनकी हॉबी, नॉलेज और मार्क्स के आधार पर कैरियर का चुनाव करने के लिए गाइड किया।

साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही एकेडमिक स्कॉलरशिप 95 प्रतिशत से अधिक अंक वाले विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत, 90 से 94.9 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वालों को 30 प्रतिशत, 75 से 89.9 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 20 प्रतिशत एवं 60 से 74.9 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 10 प्रतिशत के बारे में बताया।

कैरियर काउन्सलिंग में छात्रों के साथ-साथ छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में भारी उत्साह के साथ भाग लिया। स्टूडेन्ट्स ने इंजीनियरिंग, लॉ, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, फैशन डिजाइनिंग, कंप्यूटर साइंस, क्लाउड एवं डेटा साइंस, ऐनीमेशन, फिजियोथैरेपी, पैरामेडिकल और एग्रीकल्चर जैसे कोर्सेज के लिए अपनी दिलचस्पी दिखाई।

अपेक्स विश्वविद्यालय के डायरेक्टर वेदांशु जूनीवाल ने बताया कि वो स्टूडेन्ट्स जो अपने कैरियर के ऐसे मोड पर हैं जहाँ उनके सामने कई रास्ते हैं और उन्हें वो एक राह चुननी है जो उनके लिये बनी है। उन्हीं की मदद के लिए ‘‘अपेक्स विश्वविद्यालय आपके शहर में’’ योजना की शुरूआत की है।

इसके अंतर्गत अपेक्स विश्वविद्यालय के विषय विषेषज्ञों की टीम बच्चों की कैरियर काउन्सलिंग कर उनके मन की शंकाओं को दूर करने का प्रयास कर रही है। जूनीवाल ने बताया कि अपेक्स विश्वविद्यालय द्वारा फॉरेन यूनिवर्सिटीज, नेशनल एवं मल्टीनेशनल कंपनियों से एमओयू किए हैं जिसका फायदा विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मिल रहा है।

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