अनुभवों की खान शतायु गोरी-गोपाल हुए हमेशा के लिए खामोश।

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105 वर्षीय गोरी देवी और 100 साल के रामगोपाल शर्मा हुए बैकुंठ वासी।

देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। गत दिनों में देवली गाँव व देवली कस्बे से 2 शतायु महिला व पुरुष का देवलोकगमन हो चुका है।जिनकी अंतिम यात्रा को एक उत्सव की भांति गाजे बाजे के साथ शमशान ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं पूरे गाँव मे सबसे ज्यादा उम्रदराज महिला होने के कारण ग्रामीणों में उनके अनुभवों को चर्चा होती रही।

गौरी देवी के निधन का समाचार मिलते ही देवली गाँव ही नहीं अपितु आसपास गाँव के लोग भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उमड़ पड़े।गाँव मे किसी के अंतिम संस्कार में अब तक का सबसे अधिक संख्याबल देखा गया।

इसका एक बड़ा कारण ये भी था कि गोरा देवी बहुत ही धर्मपरायण महिला थी जिसने अपने जीवन काल मे कई नेक काम किये। गोरतलब है कि देवली गाँव मे गोरा पब्लिक स्कूल इन्ही के नाम से संचालित है साथ ही देवली मे जयपुर रोड स्थित होटल गोविंदा सैनी की मालकिन भी ये ही थी।


उक्त महिला अपने पीछे 60 सदस्यों का भरा पूरा परिवार छोड़ गई है । अब तक छ पीढ़ियां उन्होंने देख ली थी। अहम बात ये है कि उनके निर्णय अनुसार आज तक सभी परिवारजन सामूहिक रूप से रह रहे है।

जिसमे अभी वर्तमान में लगभग 60 सदस्य है। इधर देवली मे भी शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी राम गोपाल शर्मा 100 साल की उम्र के पड़ाव पर आकर प्रभु चरणों में विलीन हो गए। ईश्वर की कृपा रही कि उन्हें इतनी लंबी आयु के दौरान कभी अस्पताल भी नहीं जाना पड़ा।

वे इस आयु में भी चलने फिरने लायक थे और अपना काम खुद करने की कोशिश करते थे। उनके निधन से न केवल उनके परिवार बल्कि सम्पूर्ण देवली व अन्य क्षेत्रों के लोगों में भी शोक की लहर फैल गई।

उनके अंतिम संस्कार में भी शहर के अलावा दूरदराज से लोग आकर शामिल हुए तथा अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी। उल्लेखनीय है कि रामगोपाल शर्मा का पूरा परिवार शिक्षित है उनके दोनों पुत्र देवी शंकर शर्मा व दशरथ शर्मा शहर में अपनी एक विशेष पहचान रखते हैं।

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