कानूनी बहसबाजी का दौर होगा फिर से शुरू, एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पारित …

Featured

अधिवक्ताओं ने आतिशबाजी करते हुए एक दूसरे को मिठाई खिलाकर किया खुशी का इजहार….

देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन ड्राफ्ट बिल-2021 को राज्य सरकार द्वारा पारित करने की मांग की जा रही थी बता दें एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को लागू करने की मांग को लेकर पूरे राजस्थान के वकील हड़ताल पर थे। पिछले दिनों जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर वकीलों ने अपनी मांग रखी थी जिस पर बीते गुरुवार को जयपुर में एडवोकेट प्रोटक्शन बिल पर बनी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई।

इसी विधानसभा सत्र में वकीलों की सुरक्षा के लिए बिल लाने पर सहमति बनी थी विधि मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा बिल के ड्राफ्ट पर विचार कर मौजूदा सत्र में ही इस बिल का पास होना अधिवक्ताओं की एक बड़ी जीत है। उल्लेखनीय है कि जोधपुर के माता का थान थानां इलाके के भदवासिया इलाके में 18 फरवरी को दिनदहाड़े हुई वकील की हत्या को लेकर समस्त अधिवक्ता गणों में रोष व्याप्त था उस मामले को लेकर निचली अदालतो से राजस्थान हाई कोर्ट तक वकीलों ने न्यायिक कार्यो का बहिष्कार करते हुए न्यायालयों में उपस्थिति नही दी थी।

उक्त घटनाक्रम के बाद अधिवक्ताओं ने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की मांग तेज़ की थी। उक्त बिल के आज पारित होने पर देवली अभिभाषक संघ के अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष महावीर सिंह राठौड़ के साथ आतिशबाजी कर एक दूसरे को मिष्ठान खिलाते हुए खुशी जाहिर की। इस विधेयक का उद्देश्य अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी के अपराधों और अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान या नुकसान की रोकथाम के लिए प्रदान करना है विधेयक की धारा 3 न्यायालय परिसर में अधिवक्ता के कर्तव्यों के निर्वहन के संबंध में अधिवक्ताओं पर हमला, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी को निषेध करती है।

धारा 4 में प्रावधान है कि एक वकील द्वारा उसके खिलाफ किए गए अधिनियम की धारा 3 में उल्लिखित किसी अपराध के संबंध में पुलिस को दी गई किसी भी रिपोर्ट पर, पुलिस, यदि उचित समझे, तो उसे निर्धारित अवधि के लिए सुरक्षा प्रदान कर सकती है।इस दौरान देवली अभिभाषक संघ अध्यक्ष महावीर सिंह राठौड़, राजेश जैन, बाबूलाल मीणा, बंसीलाल कलवार, अजीत सिंह, शिवजी राम,जितेंद्र शर्मा,अनिल भूरेटा, अनिल चौहान, अमित सेन, मानसिंह मीणा, छीतर सिंह नाथावत, प्रदीप काबरा, भारत सिंह सोलंकी, राजेंद्र जीतरवाल, गुलशेर बना, धर्मराज गुर्जर समेत अधिवक्ता मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *