डिप्लोमा नहीं देने पर इंस्टिट्यूट के खिलाफ छात्राओं का फूटा गुस्सा।

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देवली:-(बृजेश भारद्वाज)।एएनएम की छात्राओं ने
एक इंस्टिट्यूट पर डिप्लोमा नहीं देने व दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। दरअसल यह मामला राजकीय महाविद्यालय देवली के सामने स्थित एक निजी भवन में संचालित राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंस्टिट्यूट का है

जहाँ करीब 100 छात्राओं का भविष्य अंधेरे में झूलता नज़र आ रहा है। छात्राओं ने इंस्टिट्यूट पर डिप्लोमा नहीं देने तथा प्रबंधन पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर छात्राओं ने देवली के मीडियाकर्मियों को शिकायत भी दी है।

इसमें बताया कि यहां इंस्टिट्यूट में प्रथम व द्वितीय वर्ष दोनों सत्र के पेपर हो चुके हैं। यह पेपर छात्राओं ने पटियाला स्थित एक नर्सिंग कॉलेज में गत फरवरी माह को दिए गए। लेकिन दोनों वर्षों की मार्कशीट के साथ में छात्राओं को डिप्लोमा नहीं मिला। इसके लिए छात्राओं ने इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर राकेश गुप्ता से फोन पर बात की। छात्राओं ने आरोप लगाया कि डायरेक्टर उनसे डिप्लोमा के लिए अलग से पैसे की मांग कर रहे हैं।

वहीं उनकी हॉस्पिटल में भी ड्यूटी ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। छात्रा मोनिका, निकिता, अंजली, लीला, ममता, टीना आदि ने बताया कि उनके इंस्टिट्यूट में एक साल की फीस करीब 55 हजार रुपए हैं और उन्होंने दोनों साल की फीस जमा करा दी है। इसके बावजूद इंस्टिट्यूट के प्रबंधन की ओर से उन्हें दुर्व्यवहार भुगतना पड़ रहा है।

साथ ही विरोध करने पर धमकियों के साथ भविष्य खराब करने की चेतावनी दी जा रही है। छात्राओं को बताया गया कि सभी की फीस आगे महाविद्यालय में जमा नहीं होने की वजह से उनके सप्लीमेंट्री आई है। शिकायतकर्ता छात्रा पूजा, ममता, सुनीता, रेखा, रतनी सोनिया ने बताया कि उक्त इंस्टिट्यूट में वह करीब 100 छात्राएं है। जिनसे 2 वर्ष की फीस ली जा चुकी है।

लेकिन उनके आगे का भविष्य का कोई पता नहीं है। यहां इंस्टिट्यूट में जहाजपुर, शकरगढ़, लुहारी समेत आसपास की दर्जनों छात्राओं ने प्रवेश लिया था। जिनका भविष्य अधर झूल अटका है। यहां ज्यादातर स्टूडेंट जहाजपुर भीलवाड़ा बेल्ट के ग्रामीण क्षेत्र की है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है

कि मामले में हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलाया जाए। यह बताते हुए कई छात्राओं की आंखें नम तक हो गई। जिन्हें आर्थिक नुकसान के साथ समय की बर्बादी भी झेलनी पड़ रही है। छात्राओं का आरोप है कि उन्हें प्रयोगशाला में भी एक भी बार नहीं ले जाया गया।

इस संबंध में इंस्टिट्यूट के मैनेजर सावन गुर्जर का कहना है कि इस बारे में अधिक जानकारी राकेश गुप्ता देंगे। वे अधिकांश सवालों के जवाब में निरुत्तर रहे।

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