मातृ सम्मेलन का उद्देश्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना:-यज्ञेश दाधिच।

शिक्षा

देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर में गुरुवार को मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहाँ कार्यक्रम में मुख्य आतिथि कमलेश मूंदड़ा, विशिष्ट अतिथि प्रबंधन समिती के अध्यक्ष शिखर चंद जैन, व्यवस्थापक यज्ञेश दाधीच, पूर्व प्रधानाचार्य अशोक विजय, कोषाध्यक्ष अशोक दुबे रहे। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना के साथ हुई।

शिशु की शिक्षा मां के गर्भ से ही प्रारंभ हो जाती है। शिक्षा संस्कारयुक्त होनी चाहिए, इससे एक शिशु आदर्श नागरिक बन सकें। मातृ सम्मेलन का उद्देश्य बालकों का सर्वांगीण विकास करना है। शहर के आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित मातृ शक्ति सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यवस्थापक यज्ञेश दाधिच ने यह बात कही। मुख्य वक्ता सकुल व्यवस्थापक राधेश्याम मालू ने मातृ शक्ति की भूमिका को लेकर उद्बोधन करते हुए उनकी विद्या मन्दिरो में अपने बच्चों को प्रवेश पर जोर दिया।

वही बच्चों के प्रति माताओं के होने वाले दायित्व के संबंध में प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किए गए। अशोक दुबे व अशोक विजय ने विद्या मंदिर की सक्रियता ओर समाज मे अहमियत, माताओ का विद्या मंदिर में क्या योगदान रहना चाहिए पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को शिखर चंद जैन ने भी सम्बोधित किया। प्रधानाचार्य बालकृष्ण पारीक ने अपने भाषण में बताया कि बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए माता ही सक्षम होती है। वहीं व्यवस्थापक यज्ञेश दाधीच ने विद्या मंदिर की सक्रियता ओर वर्ष भर के कार्य का अवलोकन बताते हुए आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। उसके बाद दीक्षित समारोह का आयोजन किया गया जिसमे मुख्यातिथि जॉन डारेक्टर पारस जैन रहे। जैन ने दसमी ओर नवमी के छात्रों को सफलता कैसे प्राप्त की जाए ओर अनुशासन में रहने के फायदे के बारे में विस्तृत रूप से बताया।

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