देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। बुधवार को 108 मुनी श्री आदित्य सागर जी का ससंघ मंगल प्रवेश हुआ, अग्रवाल दिगम्बर जैन समाज की अनुमति से नमोकार मण्डल के धर्मचंद जैन सांडला एवं सभी सदस्यों ने महाराज श्री को लाने का बीड़ा उठाया।
मंगल प्रवेश में आदिनाथ मन्दिर के सदस्य एवं पाठशाला के बच्चों ने पाद प्रक्षालन किया, चन्द्रप्रभु अग्रवाल दिगम्बर जैन मन्दिर पर समाज के अध्यक्ष बंशीलाल सर्राफ एवं श्री चंद्रप्रभु जैन नवयुवक मण्डल के सदस्यों ने 21 चोकिया लगाकर चांदी के कलशो से प्रक्षाल किया महिला अध्यक्ष कांता जैन ने समस्त व्यवस्थाओं की देखरेख की। पार्श्वनाथ धर्मशाला में धर्मसभा में चित्र अनावरण, द्वीप प्रज्जवलन, शास्त्र भेंट, पाद प्रक्षालन बंशीलाल सर्राफ, महावीर प्रसाद जैन, सुरेश कुमार जैन, व्यापार महासंघ अध्यक्ष चांदमल जैन, राजकुमार कोठारी, शिखरचंद जैन ने किया। महाराज श्री ने अपने प्रवचन में जैन समाज को संबोधित करते हुए कहा कि वही असली जैन कहलाने का अधिकारी है जो निज्य अभिषेक, पूजन एवं स्वाध्याय करता है
आप भगवान की भक्ति 30 मिनट प्रतिदिन करते है तो भगवान आपका 12 घण्टे ध्यान रखेंगें। इसी प्रकार 2 गरीब बच्चो की कहानी के माध्यम से बताया कि उनकी इच्छा सम्मेद शिखर यात्रा की थी, लेकिन उनके पास पैसा नहीं था, उसी समय एक सेठ साहब ने आकर पूछा की आप काम करोगे क्या तो दानो बच्चो ने तत्काल हा कर दी, सेठ पानी भरने हेतु उनको सम्मेद शिखर ले गया, वे रोज पानी भरते रहे, एक दिन उनके मन में विचार आया कि हमें भी पहाड के दर्शन करने चाहिए दूसरे दिन के रात को ही पानी भरकर पहाड के दर्शन हेतु निकल पडे, उनके पास चढाने के लिए कुछ भी नही था, मात्र ज्वार के दाने थें, दानो भाईयों ने श्रृद्धा पूर्वक ज्वार के दाने चढाये वही पीछे पीछे सेठ जी भी पहाड पर यात्रा करने आ गये, उन्होने देखा की भगवान के हीरे मोती चढे हुए है, उन्होने अपने पहरे दारियों से कहा देखों कोन आगे चल रहा है, तो उन्होने देख कर बताया कि 2 पानी भरने वाले लडके आगे चल रहे है, सेठ ने तुरन्त उनको पकडकर पूछा कि मेरे खजाने से तुमने हीरे मोती चुराए है, बताओ तुम्हारे घेले में क्या है, थेला दिखाने पर उसमें ज्वार के दाने निकले, भगवान की निष्ठा पूर्वक पूजा करने से फल मिलता है, महाराज श्री ने अपनी वाणी से श्री चंद्रप्रभु जैन नवयुवक मण्डल को संबोधित किया, मंच का संचालन सत्यनारायण जैन एवं भागचंद जैन ने किया, जूलूस में स्थानीय पुलिस प्रशासन की माफूल व्यवस्था थी, उक्त जानकारी समाज के प्रवक्ता चांदमल जैन नें दी।