देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। मोहर्रम की नौवीं तारीख को हजरत इमाम हुसैन की शहादत के एक दिन पहले की रात होती है। यही वजह है कि दुनिया भर के मुसलमान इस रात को कत्ल की रात के नाम से याद करते हैं।
समाजसेवी अख्तरुल्लाह खान ने बताया है कि इस रात ताजिये शहर में बने चौक पर स्थापित होते हैं और पूरी रात मातम और मरसिया ख्वानी का दौर चलता है. 16/07/ 2024 पूरी रात मातम के डोर के साथ शहर में घूमेंगे 17 तारीख को सुबह 10:00 बजे इमाम चौक से मुख्य मार्ग से होते हुए छतरी चौराहा प्रति शाम 6:00 बजे सभी मोहहरम एकट्ठा होकर सलामी पेश करेंगे उसके बाद सभी मोहहरम कमिटी के सदास्य असलम पठान रहमान अब्बासी असलम अब्बासी रशीद पठान अकील कुरैशी अमन पठान ज़ाकिर कुरैशी साजिद कुरैशी की दस्तारबंदी पगड़ी का दस्तूर होगा उसके बाद ऊंचा कर्बला में जाकर सुबरते खाक कर्बला ऊंचा के तालाब में ठंडा विसर्जन किया जाएगा।