देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शनिवार को मानव धर्म मानसिक विमंदित गृह के नवीन भवन का उद्घाटन संस्थान के मानसिक दिव्यांग छात्र मयंक मीणा व छात्रा काव्या लक्षकार के द्वारा करवाकर संस्थान ने समाज के लिए यह संदेश दिया कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नही है अगर इनको समाज कि मुख्य धारा से जोडा जाता है तो मानसिक दिव्यांग भी कुछ अच्छा कार्य करने की क्षमता रखते है।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में छात्र मयंक मीणा व छात्रा काव्या लक्षकार के द्वारा उद्घाटन करने पर ऐसा प्रस्तुत हुआ कि उसमें एक सामान्य बुद्धि वाले व्यक्ति की तरह सभी गुण एवं क्षमता विद्यमान है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि मानसिक दिव्यांग एवं मुक बधिर छात्र-छात्रा अपने आप में एक अलग प्रतिभा रखते है।
परन्तु इसके लिए सामाजिक स्तर पर इनके साथ अच्छा व्यवहार किया जायें एवं इनको ऐसा महसूस नही होने दे कि यह किसी तरह कि दिव्यांगता, अक्षमता, अयोग्यता को अपने आप में रखते है। ऐसा प्रतित नही करवाने से इनका मनोबल इनकी सोच इनका लक्ष्य बदला जा सकता है। जिससे यह जीवन में कुछ अच्छा कार्य कर गुजरने कि क्षमता रख सकते है या पैदा कर सकते है। उद्घाटन कार्यक्रम में मानसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यकम जिसमें राजस्थानी संगीत, नृत्य, देश भक्ति गानों पर नृत्य, नाट्य मंचन एवं विभिन्न तरह के कार्यकम प्रस्तुत किये गये।
कार्यक्रम को मानसिक विमंदित गृह कि सुपरवाइजर आशा शर्मा ने बताया कि नवीन भवन से बच्चों में उत्साह वर्धन हो रहा है जो देखते हि बन रहा है। विद्यालय प्राचार्य महेश शर्मा ने बताया कि नवीन भवन में प्रवेश से बच्चों को विभिन्न तरह कि शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से जोडा जायेगा। कार्यालय अधिक्षक गजेन्द्र सिंह मीणा ने बताया कि बहुत जल्दी हि बच्चों को तकनिकी शिक्षा कि जानकारी दि जायेगी। संस्थान कॉर्स-कॉर्डिनेटर अंशु शर्मा ने बताया कि विशेष शिक्षण विधियों से व्यवसायपरक एंव रोजगारपरक शिक्षा के माध्यम से विकासात्मक प्रगति प्रदान कि जायेगी।
इस अवसर पर संस्थान के कार्मिक महेश कुमार शर्मा, जगत बहादुर यादव, अशु – शर्मा, अभिजीत यादव, सत्यनाराण सेन, परमेश्वर कुमार मीणा, त्रिलोक कुमार बेनीवाल, कृष्ण गोपाल माली, बिरदी चन्द प्रजापत, शिवराज गुर्जर, मनोज गुर्जर, विवेक टांक, उपासना गुर्जर, हुकमा राम मीणा, रवि कुमार जांगिड, किरण वैष्णव, सोनम महेरा, दीप शिखा मेवाडा, शकुन्तला देवी, उर्मिला गौतम, महावीर जांगिड, जगदीश मीणा उपस्थित रहे।