देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। पिछले चार दिनों से ग्रामीण उपखंड कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठे हुए है। जहाँ खसरा नंबर 4106 में न्यायालय द्वारा स्थगन है या नहीं इसकी लिखित जानकारी देने एवं खसरे में स्थित गैर मुमकिन पाळ को तहसीलदार, पटवारी हल्का देवली द्वारा मौके पर जाकर सीमा ज्ञान करवाने की मांग की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से नेकचाल पाळ मार्ग क्षतिग्रस्त है। जिससे पानी रिसाव से कीचड़ हो रहा है।
रास्ते पर पानी रुकने से रास्ता कीचड़ युक्त व गड्ढे में तब्दील होकर जानलेवा हो चुका है। डामर सड़क का नामोनिशान मिट चुका है। जबकि यहां से रोजाना हजारों लोग निकलते है 11 नवंबर 2023 को उक्त पाळ का सीमा ज्ञान भू प्रबंधन अधिकारी टोंक के आदेश अनुसार अधिकारियों व ग्रामीणों की मौजूदगी में डीजीपीएस मशीन से किया जा चुका है। ग्रामीण यहां लंबे समय से क्षतिग्रस्त पाळ पर मिटटी डलवा कर सही करवाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणो ने बताया देवली गांव पटवार हल्का के खसरा नम्बर 4106 नेकचाल तालाब की 200 मीटर लंबी पाळ क्षतिग्रस्त है। इसी मार्ग से बरसों से ग्रामीण आते जाते रहे हैं। इस बीच सरपंच शीला कंवर ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन के भीतर नेकचाल रोड पाळ पर मिट्टी डलवाने का काम शुरू नहीं
हुआ तो और अनशनकारियों का अनशन समाप्त नहीं कराया तो वह चौथे दिन इस्तीफा दे देंगी।
वही राजकुमार मीणा एस टी मोर्चा जिला अध्यक्ष, टोंक ने भी ग्रामीणों की मांग को समर्थन देते हुए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है जिसमे बताया है कि समस्त ग्राम पंचायत देवलीगांव की ओर से देवली शहर से ग्राम देवलीगावं तक आने जाने वाला नेकचाल रोड़ को दुरस्त कराने हेतु जो आन्दोलन किया जा रहा है उसका मैं समर्थन करता हूँ और प्रशासन व सरकार से मांग करता हूँ इस संबंध में जो भी मेरा सहयोग मेरा अपेक्षित रहेगा। आप इस मांग व किये जा रहे आन्दोलन के समर्थन में कन्धे से कन्धा मिलाकर सहयोग करूंगा।आज धरना स्थल पर पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर भी अपने दर्जनों समर्थकों के साथ पहुँचे जहाँ उन्होंने उक्त मामले में ग्रामीणों की मांगों को सुना व शांति व सदभावपूर्ण तरीके से मसले को हल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसा रास्ता निकले जिससे कि खातेदार को भी नुकसान न हो और पाळ का कार्य भी हो जाये।