देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस साल सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं होकर आज की गई है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन विभिन्न तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है। इन पकवानों को ‘अन्नकूट’ कहते हैं।
गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा-
मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था।
श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।