देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। महावीर निकेतन धर्मशाला दुनी में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर आचार्य कैलाश चंद तेहरिया ने श्री सुखदेव जन्म, परीक्षित जन्म, वराह अवतार,कर्दम देवती विवाह की कथा सुनाई l
आचार्य श्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की प्राप्ति होती है एवं परम तत्व भगवान श्रीमन नारायण का आशीर्वाद प्राप्त होता हैl इसलिए सभी धर्मों को मानने वाले भी श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिएl श्रीमद् भागवत कथा ही एक ऐसा ग्रंथ है जो मनुष्य को मानव जीवन जीने की कला सिखाता है इसीलिए श्रीमद् भागवत कथा को ज्ञान यज्ञ कहते हैं l
मनुष्य को हर जीव मात्र पर दया करने,दीन दुखी प्राणी की सेवा करने , बुजुर्गों की सेवा करने एवं राष्ट्र की सेवा करने की प्रेरणा श्रीमद् भागवत कथा से प्राप्त होती है l हर जीव पर दया रखना ही मानव धर्म है , “सेवा ही परम धर्म है” ।
कथा के पश्चात कथा परीक्षित राम राय तिवारी एवं तिवारी परिवार दुनी ने भागवत जी की आरती कर आए हुए सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया।