देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शुक्रवार को पवित्र सफर-ए-उमराह के लिए पांच जायरीन रवाना हुए। जायरीनों को मुबारक सफर पर रवाना करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। लोगों ने मक्का मदीना शरीफ पहुंचकर अमन चैन की दुआ मांगने की दरख्वास्त की।
परिजनों व कस्बे वासियों ने फूल माला पहनाकर जायरीनों को रवाना किया। शम्मी रंगरेज ने बताया कि साल में हज एक बार किया जाता है। लेकिन उमराह साल में कभी भी किया जा सकता है। मक्का मदीना शरीफ की यात्रा नसीब वालों को मिलती है।
हज से कैसे अलग है उमराह ……
हज और उमराह दोनों के लिए ही मुसलमान सऊदी अरब के सबसे पुराने शहर मक्का जाते हैं। लेकिन बड़ा अंतर यह है कि उमराह पूरी साल किया जा सकता है लेकिन हज की जियारत का का एक निश्चित समय होता है। हज यात्रा इस्मामिक कैलेंडर के आखिरी महीने में की जाती है और यह कई दिनों तक चलती है साथ ही यह ज्यादा खर्चीली भी है।जब कि उमराह महज दो घंटे में ही पूरा किया जा सकता है। उमराह के लिए जाना हज की तुलना में सस्ता भी होता है, इसीलिए जो लोग हज यात्रा के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है और समय की भी कमी है, वह भी उमराह के लिए जा पाते हैं।