* जलझूलनी एकादशी : ठाकुर जी ने धारण किया नटवर वेश…..
देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। जलझूलनी एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में ठाकुर जी का नटवर वेश में शृंगार किया गया। भगवान को डोल में विराजमान कर यात्राएं निकाली गई। जलाशयों में ठाकुर जी को नौका विहार और स्नान कराया गया। भगवान गुरु कृपा संस्थान के पंडित मुकेश गौतम ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार चतुर्मास के दौरान पाताल लोक में क्षीर सागर में निंद्रा कर रहे भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं। इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन व्रत करने से मनुष्य को वाजपेय यज्ञ करने के समान फल मिलता है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में कभी भी दुख और आर्थिक परेशानियां नहीं आती हैं। शहर के विभिन्न मंदिरों से
ठाकुर जी को फूलों से सजी पालकी में विराजमान कर जयकारा लगाते हुए नगर भ्रमण व जलविहार करवाया गया।
जलझूलनी एकादशी के जुलूस के दौरान जहाजपुर में पथराव,माहौल गर्माया।
शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में जलझूलनी एकादशी के जुलूस के दौरान अचानक पथराव हो गया, जिससे कस्बे में अफरातफरी और तनाव का माहौल पैदा हो गया। इस घटना के बाद बाजारों को बंद करवा दिया गया, और लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। प्राचीन किले से जलझूलनी एकादशी के अवसर पर जुलूस निकाला जा रहा था, जो पीताबंरराय बाजार तक पहुंचा। यहां अचानक कुछ असामाजिक तत्वों ने जुलूस पर पथराव कर दिया, जिसके चलते भगदड़ मच गई और नारेबाजी शुरू हो गई। पथराव के बाद जुलूस को बीच बाजार में ही रोक दिया गया, और जुलूस में शामिल लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बीच, कई लोग घायल हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया।