देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शहर में कुंचलवाडा रोड़ पर चल रही संगीतमय भागवत कथा में बुधवार को कथावाचक पं महेन्द्र कुमार कौशिक ने भगवान श्रीकृष्ण और रूक्मिणी के विवाह एव उद्धव गोपी संवाद सत्राजित यादव द्वारा भगवान के उपर स्यंमतक मणि चोरी करने का आरोप की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16108 रानियों से विवाह किया और 56 करोड यादवों के परिवार के साथ द्वारिका पुरी नगरी में भगवान कृष्ण रहने लगे ।
इस अवसर पर भगवान कृष्ण और राधा रूक्मिणी की सजीव झांकी बनाई गई । उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण गोपियों से अनन्य प्रेम करते थे।जब गोपियां भगवान के विरह में जलने लगी तो उन्होंने अपने परम मित्र उद्धव जी को योग सांख्य का ज्ञान दिया और गोपियों के पास भेजा।यह ज्ञान सुनकर गोपियां भगवान की भक्ति में लीन हो गयी।महाराज श्री ने सत्राजित यादव की कथा सुनाई और कहा कि भगवान सूर्य से प्राप्त मणि के अभिमान में आकर उसने भगवान कृष्ण के उपर चोरी का कंलक लगाया जबकि मणि उसी के भाई ने चुराई थी ।बाद में भगवान कृष्ण ने उस मणि को राजकोष में जमा कराई और उसकी प्रार्थना पर उसकी पुत्री सत्यभामा से विवाह किया। इससे पूर्व भागवत कथा में गौतम समाज देवली द्वारा कथावाचक महाराज श्री का साफा और माला पहना कर हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा, राजेंद्र कुमार शर्मा, सत्यनारायण श्रोती, राधेश्याम श्रोती और अन्य कई समाज के व्यक्ति उपस्थित रहे।