देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शहर के कुचलवाड़ा रोड स्थित सांवरिया सेठ मंदिर के प्रस्तावित निर्माण को लेकर चल रहे विवाद पर मंदिर समिति ने सोमवार को फिर अपना पक्ष साफ किया है। समिति के सदस्यों ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि मंदिर का निर्माण पूर्णतः गैर-विवादित भूमि पर किया जा रहा है और कुछ लोग प्रशासन को गलत जानकारी देकर काम में बाधा डाल रहे हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष रामसिंह शक्तावत व मनीष पाराशर ने जानकारी देते हुए बताया कि हनुमान नगर में पावर हाउस के सामने, खसरा नंबर 818/599 पर प्रस्तावित 33 भूखंडों को छोड़कर, मंदिर निर्माण का प्रस्ताव 20 अप्रैल 2023 को ग्राम पंचायत द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था। यह प्रस्ताव का बिंदु संख्या 4 है। उन्होंने बताया कि जहाजपुर पंचायत समिति ने 12 मार्च 2025 को परिसर में सीमेंट की कुर्सियां आदि लगाने के लिए वित्तीय स्वीकृति भी जारी की थी। समिति का कहना है कि क्षेत्र के लोग यहां एक भव्य और दिव्य मंदिर बनाना चाहते हैं। इसी मंशा से लोगों के आर्थिक सहयोग से अस्थाई मंदिर के लिए टीनशेड भी लगाए गए हैं।
पंचायत ने भी इसमें सहयोग किया। भगवान सांवरिया सेठ का विग्रह (प्रतिमा) भी लाया गया है, जिसे फिलहाल विद्युत निगम में स्थित भगवान शिव के मंदिर में अस्थाई रूप से विराजमान किया गया है। अध्यक्ष रामसिंह शक्तावत और मनीष पाराशर ने बताया कि इस जन्माष्टमी पर भगवान का विग्रह गैर-विवादित भूमि पर विराजमान करने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर मंदिर स्थल पर अस्थाई निर्माण भी किया गया और केबिन तैयार की गई। जहां भगवान को विराजमान किया जा सके। लेकिन कुछ लोगों द्वारा भ्रामक प्रचार और प्रशासन को गलत जानकारी देने के कारण यह कार्य रुक गया।
समिति ने दोहराया कि मंदिर के लिए चुनी गई जमीन पूरी तरह से विवाद रहित है और यहां एक समिति बनाकर ही भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके पीछे किसी तरह की कोई अतिक्रमण की मंशा नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सैकड़ों लोग मंदिर निर्माण के पक्ष में जहाजपुर उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे और निर्माण के समर्थन में अपना पक्ष रखा था।

