देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। विश्व हिंदू परिषद के तत्वाधान में धार्मिक उत्सव आयोजन समिति द्वारा मनाए जा रहे 10 दिवसीय गणेश महोत्सव के दौरान गत रात्रि को देवली उनियारा विधायक राजेंद्र गुर्जर के मुख्य आतिथ्य में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कवियों ने देर रात्रि तक देशभक्ति, धार्मिक एवं हास्य से भरपूर कविताएं सुना कर मनोरंजन किया वहीं श्रोताओं ने पांडाल को जयहिंद, वन्देमातरम, जय श्री राम के नारों से गुंजायमान कर दिया।
अटल उद्यान के टीन शेड के नीचे आयोजित कवि सम्मेलन की शुरुआत मेरठ से कवियत्री डॉ. शुभम त्यागी ने माँ की वंदना के साथ की। मंच संचालक एवं राष्ट्रीय कवि प्रदीप पवार (टोंक) ने जिनके नाम से उगता सूरज ढलती है हर सुंदर शाम हर दिशा में गूंज रहा है जय रघुनंदन जय सियाराम, से कविता पाठ शुरू कर पूरे पंडाल को जय श्री राम के नारों से गुंजायमान कर दिया।
हास्य कवि सूरत अजनबी ने वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष समेत कई विषयों पर कविताएं सुना कर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। हास्य गीतकार गिरिराज आमेटा ने सुन सुन रे मारा यार मन छोटी मिली है नार, पर राजस्थानी भाषा में शानदार कविता पाठ किया। लपेट नेताजी फेम कवि डॉ. आदित्य जैन (कोटा) ने अकबर भी डर गया तेरी छाती के नाप से चट्टान भी पिघल गई सांसों के ताप से मिट्टी में गिरा खून तो हल्दी महक उठी धरती यह धन्य हो गई राणा प्रताप से कविता के माध्यम से श्रोताओं में जोश भरा। डॉ. शुभम त्यागी ने स्पर्श हुआ है जब से इनका महकी महकी हूँ, हाँ मितवा बहकी बहकी हूँ जैसी कविताएं सुना कर श्रोताओं को प्रेम रस से सरोबार कर दिया, साथ ही मंच संचालक प्रदीप पंवार के साथ उनकी काव्य नोकझोंक ने भी खूब गुदागुदाया। राणा राजस्थानी ने कोरोना काल में हुई शादी का हास्य से भरपूर शानदार वर्णन किया वहीं चुनाव में गधा चुनाव चिंह मिलने पर बनाई कविता से जमकर मनोरंजन किया। लपेट नेताजी फेम कवि गौरव चौहान (दिल्ली) ने ये जज्बा जंग लड़ने का कभी भी चूक नहीं सकता।

कभी ये काफिला कुर्बानियों का रुक नहीं सकता जो भारत के हैं दुश्मन वो लगा ले जोर कितना भी बदन में जान है तब तक तिरंगा झुक नहीं सकता, कविता के माध्यम से श्रोताओं में देशभक्ति का संचार किया। कवियत्री सबीहा असर (भोपाल) ने जरा मुस्करा दो सनम एवं अपने मतलब की बातें तो करते हैं सब ऐब अपना मगर बोलता कौन है इस जमाने में सच बोलता कौन है कविता के माध्यम से श्रोताओं की तालियां बटोरी। ओज कवि सुमित ओरछा (मध्य प्रदेश) ने भारत के गौरव गरिमा के ग्रंथ की रक्षा हो धर्म सनातन की रक्षा हर पंथ की रक्षा हो दिग भी रहे सुरक्षित दिगंत की रक्षा हो ऐसा बटन दबाना तुम की संत की रक्षा हो
कविता के माध्यम से सनातन धर्म व संस्क्रति की रक्षा को आवश्यक बताया वहीं राम के नाम की महिमा का गुणगान किया। कवि सम्मेलन की शुरुआत में सभी अतिथियों ने भगवान गणेश जी की प्रतिमा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात आयोजन समिति कार्यकर्ताओं द्वारा विधायक समेत नगर पालिका अध्यक्ष नेमीचंद जैन, पंचायत समिति प्रधान बनवारी लाल जाट, उपखण्ड अधिकारी रूबी अंसार, पुलिस उपाधीक्षक रामसिंह जाट, थानाधिकारी दौलतराम गुर्जर समेत नगर पालिका के वार्ड पार्षद आदि का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।


