* डमी स्कूलों पर हाई कोर्ट का कड़ा रुख***
* एसआईटी गठन और स्कूल-कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई के आदेश***
* लापवाही व आदेश की अवहेलना मानी जाएगी कोर्ट की अवमानना***
* कोचिंग माफिया ही है शिक्षा व्यवस्था के विनाश की जड़ में****
देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। हाईकोर्ट ने सख्त शब्दो मे कहा है कि डमी स्कूल भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए कलंक है और इन स्कूलों का प्रसार शिक्षा व्यवस्था के लिए गहरे संकट का संकेत है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और सभी शिक्षा बोर्ड को कहा है कि वे एसआईटी गठित कर स्कूलों और कोचिंग संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण करें। इस दौरान यदि विद्यार्थी स्कूल में गैर हाजिर है और उसी समय कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा है तो दोनों संस्थानों पर कार्रवाई करे।
अदालत ने कहा कि सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड मान्यता प्राप्त स्कूलों का निरीक्षण करें और यदि वहां शिक्षक व छात्रों की उपस्थिति कम मिले तो उन पर कार्रवाई के साथ ही स्कूल की मान्यता समाप्त करने को लिए आदेश जारी किए जाए। अदालत ने विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए नियम बनाने का कहते हुए आदेश की कॉपी मुख्य सचिवए एसीएस शिक्षा और सभी बोर्ड को भेजी है।
शिक्षा बन गई है लाभ का व्यापार…..
अदालत ने कहा कि प्रदेश में अनेक स्कूल हैं, जो कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को डमी प्रवेश देते हैं। इन स्कूल में विद्यार्थियों को नियमित आने की जरूरत नहीं रहती ताकि वे स्कूल के समय में कोचिंग सेंटर में नीट जेईई आदि की पढाई कर सके। ऐसे में शिक्षा कोचिंग सेंटर और स्कूलों के लिए लाभ का व्यापार बन गई है।




