देशी घी के नाम पर बिक रहा जहर,खाद्य विभाग के अधिकारी का ख़ौफ़ बेअसर।

* धड़ल्ले से बिक रहा 300 रुपये किलो देशी घी,खाद्य निरीक्षक कर रहे अनदेखा।

* “देसी घी” के नाम पर मौत का सौदा….

 

देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। शहर में काफी समय से सस्ते घी के नाम पर जहर बेचा जा रहा है। देवली में बिक धडल्ले से ढाई सौ से 300 रुपये प्रति किलो घी बेचा जा रहा है। देवली में इतना सस्ता देशी घी बिक रहा है तो आप सोचिए क्या ये आज के समय मे ये संभव है। शहर के गणेश रोड व गंगागुरिया बालाजी के रास्ते मे ये घी बेचा जा रहा है। इधर शहर में खाद्य निरीक्षक मदन गुर्जर दिखावे के नाम पर कार्यवाही कर जाते है। बाजार से सेम्पल भरते है वो भी कम्पनी के पेकिंग आइटम के जो ऑलरेडी टेस्टेड ही होते है। क्या सेम्पल खुले सामानों के नही भरने चाहिए पेकिंग आइटम में दुकानदार क्या मिलावट करेगा ? कम्पनी के आईटम में तो वैसे भी कम्पनी को पार्टी बनाया जाता है तो दुकानदारों को क्यो परेशान करते है। सिर्फ सेटलमेंट का पैसा लेने के लिए।

सेम्पल खुले सामानों के लिए जाने चाहिए जैसे मावा, दूध पनीर, खुले मसाले खुला तेल। रजिस्टर्ड कम्पनियों के सामानों का तो ये सेम्पल लेते है वीर हनुमान तेल, आशीर्वाद आटा, सूजी मैदा या कम्पनी के सामानों का जिसका कोई मतलब ही नही है ये सब कम्पनी से पेकिंग आते है वो भी पक्के बिल के साथ ओर सबसे महत्वपूर्ण बात की सेम्पल पास हुआ या फेल इसकी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नही की जाती तो ग्राहक को कैसे पता चले कि वो क्या मिलावटी खा रहे है ओर सेम्पल की रिपोर्ट तक आने में इतना समय लग जाता है की जब तक तो वो सामान बिक भी जाता है। और खाने वाले की आत्मा परमात्मा से मिल चुकी होती है। फिर उसके बाद उसी मिलावटी घी से मृत आत्मा के बाहरवें पर लजीज पकवान बनते हैं। और यह सिलसिला लगातार जारी रहता है।

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