मां बिजासन गौशाला, कुचलवाड़ा में एक दिवसीय निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन।

देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। पशुधन संरक्षण और सेवा के प्रति समर्पित भावना का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, माइक्रो विजन सोसायटी द्वारा संचालित आर.आर. कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस, देवली की निदेशक नीलू अग्रवाल के प्रेरणादायी नेतृत्व में मां बिजासन गौशाला, कुचलवाड़ा में एक दिवसीय निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का सफल आयोजन हुआ।

यह शिविर न केवल चिकित्सा सेवा प्रदान करने तक सीमित रहा, बल्कि पशुप्रेम, मानवीयता और निस्वार्थ सेवा का जीवंत प्रतीक बनकर उभरा। अग्रवाल की संवेदनशीलता और दूरदृष्टि ने इस पहल को एक सार्थक दिशा दी, जिससे पशुधन स्वास्थ्य और कल्याण को प्रोत्साहन मिला। शिविर में पशु चिकित्सा विशेषज्ञ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. महेश चौधरी और डॉ. पीयूष ने अपने व्यापक अनुभव और गहरे ज्ञान का उपयोग करते हुए पशुओं को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कीं | उनके साथ, पशुधन सहायक राजेश सुवालका ने भी इस कार्य में सक्रिय रूप से सहयोग दिया। इस आयोजन में आर.आर. कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस के चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस भागीदारी ने उन्हें व्यावहारिक अनुभव हासिल करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया, जो उनकी आगामी पेशेवर यात्रा के लिए अत्यंत मूल्यवान साबित होगा यह विशेषज्ञों और युवा चिकित्सकों के बीच एक सफल सहभागिता का उदाहरण था | शिविर में बीमार व कमजोर पशुओं की पहचान कर उन्हें एंटीबायोटिक्स, विटामिन्स, एंटीसेप्टिक, डी-वर्मिंग, दर्द निवारक दवाएं तथा अन्य आवश्यक उपचार प्रदान किया गया एवं घावों की ड्रेसिंग, इंजेक्शन, तथा संक्रमण नियंत्रण संबंधी चिकित्सा विशेषज्ञों की देखरेख में की गई । शिविर के दौरान पशुपालको को मिनरल मिक्सचर एवं कृमिनाशक दवाओं का भी निःशुल्क वितरण किया गया।

शिविर में वर्तमान में चल रहे खुरपका एवं मुहपका रोग टीकाकरण के बारे में लोगो को जागरूक किया। गौशाला कर्मचारियों को पशु देखभाल की उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान किया गया जैसे उन्हें बताया कि गौशालाओं में बीमार, घायल, बूढ़े और गर्भवती पशुओं के लिए अलग-अलग शेड बनाए जाते हैं ताकि उनका विशेष ध्यान रखा जा सके एवं गंभीर बीमार पशुओं के लिए अलग से इंटेंसिव केयर यूनिट होती है, जहां उनका विशेष उपचार किया जाता है और नए और संक्रमित पशुओं के लिए क्वारंटीन व्यवस्था भी होती है ताकि संक्रमण न फैले, इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया। यह शिविर बौद्धिकता, सेवा-भावना और करुणा का एक सुंदर तालमेल बना।

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