देवली:-(बृजेश भारद्वाज)। धर्मनगरी देवली में विवेकानंद कॉलोनी स्थित पार्श्वनाथ धर्मशाला में परम पूज्य श्रमण रत्न मुनि श्री 108 प्रणीत सागर की महाराज का 12वा दीक्षा दिवस भव्य रूप से मनाया गया। मीडिया प्रभारी विकास जैन टोरडी ने बताया कि दीक्षा दिवस पर प्रातः 5:00 बजे गुरुवर के पदप्रक्षालन,आचार्य भक्ति एवं आशीर्वाद का आयोजन हुआ उसी के साथ सभी जिनालय की वंदना मुनि संघ के साथ संपन्न हुई । प्रातः 7:30 बजे मुनिश्री को शांतिनाथ जैन मंदिर से पार्श्वनाथ धर्मशाला तक जुलूस के साथ लाया गया
जहां पर 51 थाली में मुनि श्री का पदप्रक्षालन किया गया, इसके उपरांत चित्रअनावरण, द्वीप प्रज्वलन समाज के प्रबुद्ध लोगों द्वारा किया गया। आयोजन के तहत मुनि श्री को 12ग्रंथ भेंट किए गए एवं मुनि श्री की संगीतमय पूजन क्षुल्लक 105 श्री विधेय सागर जी महाराज ने करवाई जो विभिन्न मंडलों एवं श्रावकों द्वारा की गई। माया जैन सावर ने मुनि श्री के संपूर्ण जीवन पर स्वरचित रचना से मुनि श्री के जीवनशैली का परिचय करवाया, आशु जैन ने काव्यांश गुरु चरणों में अर्पित किए।
एक लघुनाटिका से अल्पना जैन एवं साथी कलाकारों द्वारा मुनि श्री के दीक्षा दिवस तक की संपूर्णरजीवन का वृतांत दिखाया गया। सत्यनारायण सावर वालो ने मुनि संघ के चरणों में आजीवन ब्रह्मचर्य के वृत को अंगीकार किए एवं मीडिया प्रभारी विकास जैन टोरडी ने आजीवन कृत्रिम केश का त्याग किया। इसी शृंखला में मुनि श्री ने अपने स्वयं के वैराग्य को परिलक्षित करते हुए बताया की कैसे उनको वैराग्य हुआ एवं कैसे उन्होंने जैनेश्वरी दीक्षा धारण करने का प्रण लिया, मुनि श्री ने बताया की एक छोटे से चिंतन ने उनके चित को परिवर्तित करते हुए जीवन की सम्पूर्ण व्यवस्था को ही परिवर्तित कर दिया एवं श्रावक से साधक, पूज्य बना दिया और पंचमकाल के सबसे कठीन रस्ते को चुना एवं जैनेश्वरी दीक्षा को धारण के स्वकल्याण के साथ प्रकल्याण की भावना को अंगीकार किया। दीक्षा दिवस पर पन्ना-इंदौर से गुरुभक्त भी पधारे जिन्होंने गुरुदेव के चरण पखारे एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन में समाज अध्यक्ष बंशीलाल सर्राफ, चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष बाबूलाल जैन, नेमीचंद सांडला, घीसालाल जैन खेड़ा, हेमराज घटियाली, ओमप्रकाश टोरडी, धर्मचंद सांडला, मुकेश चौसला, पंकज सर्राफ, मनीष लाइट समेत सैकड़ों श्रावक उपस्थित रहे।


